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Showing posts from June, 2019

सीहोर(गौतम शाह) आधुनिकता पर आज भी भारी है घोड़ागाड़ी कभी राजेराजवाडो की सवारी का गवाह बनी घोड़ागाड़ी आज आम लोगो की सवारी बनकर जीवन यापन कर रहे है

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आधुनिकता पर भारी, सीहोर में तांगे की सवारी  सीहोर (गौतम शाह) ।कभी राजे राजवाडों की शाही सवारी के रूप में जाने जाना वाला घोड़ा गाड़ी उर्फ तांगा आज आजीविका चलाने के साधन के रूप के जाना जाता है घोड़ागाड़ी वह सवारी है जिसे एक घोड़ा खींचता है।आज के आधुनिक युग में जहाँ एक ओर यातायात के साधनों के रूप में ऑटो रिक्शा आम चलन में आ गए है वही घोड़ागाड़ी आज भी नगर में अपनी पहचान कायम रखने के कामयाब रही है एक समय था जब रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर तांगा वाले लाइन से सवारी बैठाने के लिए खड़े रहते थे। फिर उन्हें शहर भर की सैर कराते थे। तांगा में जुते घोड़े भी काफी सजे-संवरे होते थे। समय बदला और यातायात के साधन भी बदल गए। लेकिन नगर में तांगे की सवारी आज भी की जा सकती है। तांगे में बैठ सीहोर घूमना बेहद मस्ती भरा अनुभव है।  यहां के ज्यादातर तांगे ढके होते हैं। इस खूबी के कारण यह बैठने वाले को शाही ठाठ की अनुभूति देते हैं। शाही शान की सवारी कहा जाने वाला तांगा कई शहरों में विलुप्त हो गए हैं। आज के समय के लोगों ने फिल्मों में बेशक तांगों को देखा होगा। आज के बदलते समय में तांगे की जगह मोटर गाड़ियों ने ले ली

सीहोर (गौतम शाह) कोनाझिर तालाब क्या सूखा खनिज माफिया ने तालाब की बेशकीमती मिट्टी बेचना शरू की

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सीहोर- जलसंकट के चलते सूखे तालाब पर खनिज माफियाओं की लगी कुदृष्टि नगर में जलसंकट के चलते शहर के आस पास के तालाब सुख गए है ऐसे ही एक तालाब ग्राम कोनाझिर में है जो कि सिचाई के साथ साथ आस पास के ग्रामीणों के लिए पेयजल व सिचाई के काम आता था अब चुकी भीषण जलसंकट के चलते ये तालाब सूख गया तो खनिज माफियाओं की बुरी नजर इस तालाब की बेशकीमती काली मिट्टी पर पड़ गई और जलसंसाधन विभाग की मिलीभगत से पास के ग्राम के विष्णु जलोद्रीया ओर एक अन्य ने तालाब की मिट्टी खोदने की परमिशन लेकर तालाब खोदना शरू कर दिया इस कार्य मे तकरीबन 70 से अधिक टेक्टर ट्राली 20 से अधिक डंपर ओर JCB व पोकलेन को लगाया गया बड़े पैमाने पर तालाब की बेशकीमती मिट्टी को पास में नव निर्मित स्कूल पेट्रोल पंप ओर होटल के अलावा इटभट्टो व किसानों को बेचने का खेल शरू कर दिया गया रोजाना लाखो रुपए के खेल का गोरखधंधा जलसंसाधन विभाग की मिलीभगत से शरू हो गया इस संबंध में जब जल संसाधन के विभाग प्रमुख दीपक चौकसे से बात की गई तो कहने लगे कि मेरे पास आवेदन आया था मेने उसे sdo को फारवर्ड किया था शायद उन्हने परमिशन दी होगी इस प्रकार जलसंसाधन विभाग के अध