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Showing posts from April, 2022

सीहोर (गौतम शाह ) भक्त की भक्ति से प्रगट होते है भगवान - पंडित मोहित राम पाठक जी

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भक्तों की करुण पुकार पर प्रकट होते हैं भगवान पंमोहितरामजी सीहोर (गौतम शाह ) जब जब भी पृथ्वी पर पापाचार्य अत्याचार अधर्म असत्य पाप बढ़ जाता तब तक भगवान अपने भक्तों को सुख देने एवं उनकी रक्षा करने के लिए इस संसार सागर में कभी राम बनकर कभी कृष्ण बनकर कभी नरसिंह बनकर तो कभी श्री नंदलाल बनकर प्रकट होते हैं जब जब भी भक्त अपने हृदय की भावना से भगवान को पुकारते हैं भगवान स्वयं दौड़े चले आते हैं गज ने पुकारा तो गरुड़ को छोड़ कर आ गए द्रोपति ने पुकारा तो चीर बन कर आ गए शबरी ने पुकारा तो श्री राम बनकर माता शबरी के जूठे बेर खा गए एक बार यदि हम सच्चे हृदय से भगवान को पुकारा तो भगवान स्वयं नंगे पैर चले आते हैं उक्त उद्गार चेत्रीय नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्राम जमुनिया खुर्द सीहोर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस के अवसर पर कथा व्यास संत परम गौभक्त पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए पंडित श्री पाठक ने आगे वर्णन करते हुए कथा में कहा कि जब पृथ्वी पर कंस का अत्याचार पापा चारा धर्म बढ़ गया तो पृथ्वी गाय का रूप धारण करके भगवान श्री हरि के पास गए और भगवान ने उसकी मनोका
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सीहोर (गौतम शाह ) संसार के नहीं भगवान के सहारे रहना पंमोहित रामजी सीहोर संसार के सहारे जो रहता है उसे कभी ना कभी संसार में धोखा खाना पड़ता है यह संसार का नियम है किंतु जो भगवान के भरोसे रहता है ईश्वर के आश्रित रहता है स्वयं भगवान इसका सहारा बनते हैं ऐसे कई उदाहरण आपको पुराणों में देखने को मिलेंगे माता कुंती का कोई सहारा नहीं था भगवान श्री कृष्ण द्वारकाधीश उनका सहारा बने जब दुष्ट दुशासन ने माता द्रोपदी का चीर हरण करा तो भगवान श्री कृष्ण माता द्रोपती का सहारा बने हम लोगों को भी मीरा नरसी भगत तुलसीदास कबीर नानक की तरहां ईश्वर के आश्रित रहो उक्त उद्गार नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्राम जमुनिया खुर्द सीहोर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास परम गौभक्त संत श्री पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए आज की कथा में वर्णन करते हुए कहा जिस प्रकार राजा बलि के यहां भगवान बामन रूप धारण कर कर भिक्षा मांगने के लिए गए और भगवान ने तीन पग भूमि मांगी और तीन पग में सारे संसार को अपने अधीन कर लिया राजा बलि अपनी प्रतिज्ञा पूरी नहीं कर पाए तो उन्हें नर्क के जाना पढ़ रहा था किंत

सीहोर (गौतम शाह ) मोक्ष के द्वार खोलती है भागवत गीता - पंडित मोहित राम पाठक जी

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मोक्ष का द्वार खोल देती है भागवत कथा पंमोहितरामजी सीहोर संपूर्ण प्राणी मात्र के लिए मोक्ष का द्वार खोल देती है श्री मद्भागवत कथा जो भी मानव भागवत कथा कि शरण में जाता है उसे मृत्यु का भय नहीं रहता है भागवत मानव को अभयदान देती है और आज तो बड़ा ही पावन पवित्र दिन है जिस दिन भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी वही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई है जो मोक्षदायिनी हैं उक्त उद्गार ग्राम जमुनिया खुर्द सीहोर में नवरात्रि के पावन अवसर पर चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस आज कथा व्यास परम गोभक्त पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए आज कथा के दौरान आपने भारतीय संस्कृति सनातन धर्म सनातन की उत्पत्ति सनातनी हिंदू नव वर्ष पर प्रकाश डाला कथा में वर्णन करते हुए कहा कि हम सभी सनातनी जन विश्व का कल्याण हो ऐसी कामना करते हैं विश्व में एकमात्र धर्म सनातन है और सनातन का अर्थ होता है जो पहले था आज भी है और आगे भी रहेगा जो अभिजीत है जिसका कभी पतन नहीं हो सकता जिसका कभी क्षय नहीं हो सकता है उसी को सनातन कहते हैं और हम सभी हिंदू  सनातनी जनों का सौभाग्य ह