सीहोर (गौतम शाह ) संसार के नहीं भगवान के सहारे रहना पंमोहित रामजी
सीहोर
संसार के सहारे जो रहता है उसे कभी ना कभी संसार में धोखा खाना पड़ता है यह संसार का नियम है किंतु जो भगवान के भरोसे रहता है ईश्वर के आश्रित रहता है स्वयं भगवान इसका सहारा बनते हैं ऐसे कई उदाहरण आपको पुराणों में देखने को मिलेंगे माता कुंती का कोई सहारा नहीं था भगवान श्री कृष्ण द्वारकाधीश उनका सहारा बने जब दुष्ट दुशासन ने माता द्रोपदी का चीर हरण करा तो भगवान श्री कृष्ण माता द्रोपती का सहारा बने
हम लोगों को भी मीरा नरसी भगत तुलसीदास कबीर नानक की तरहां ईश्वर के आश्रित रहो उक्त उद्गार नवरात्रि के पावन अवसर पर ग्राम जमुनिया खुर्द सीहोर में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास परम गौभक्त संत श्री पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए आज की कथा में वर्णन करते हुए कहा जिस प्रकार राजा बलि के यहां भगवान बामन रूप धारण कर कर भिक्षा मांगने के लिए गए और भगवान ने तीन पग भूमि मांगी और तीन पग में सारे संसार को अपने अधीन कर लिया राजा बलि अपनी प्रतिज्ञा पूरी नहीं कर पाए तो उन्हें नर्क के जाना पढ़ रहा था किंतु ने भगवान के चरण पकड़ लिए तो भगवान ने अपना तीसरा चरण भक्तों के सिर पर धर दिया भगवान स्वयं राजा बलि के द्वारपाल बन गए राजा बलि के बड़े भाग्य जिन क्या भगवान स्वयं मांगने आए जो संसार को देते हैं वह द्वार पर आए राजा बलि की हम सब को भी राजा बलि की तरह अपना हृदय इस प्रकार बनाना चाहिए कि भगवान भी हमारे द्वार चले आए कथा में बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्र से भगवत प्रेमी जन पधार रहे हैं आयोजन करता चौकसे परिवार एवं कथा समिति ग्राम जमुनिया खुर्द ने संपूर्ण क्षेत्र वासियों से कथा में पधार कर धर्म का लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है आज चतुर दिवस की कथा में बड़े ही धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा

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