सीहोर (गौतम शाह) क्यो पहनी जाती है तांबे की अंगूठी क्या फायदे है जानिए

सीहोर (गौतम शाह)
 ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है और हर ग्रह के लिए किसी एक धातु को विशेष मान्यता दी गई है। सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और तांबे को धातुओं को राजा माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सोना, चांदी और तांबा शुद्ध धातु माने गए हैं। तांबा एक प्रकार का ऐसा धातु है जिसे ज्योतिष और विज्ञान दोनों ही नहीं नकार सकते हैं। माना जाता है कि तांबा धारण करने से या इस्तेमाल करने से शरीर अनेकों बीमारियों से बचा रहता है। इसमें ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो किसी भी चीज से किटाणुओं को खत्म कर देता है।
– तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानि रिंग फिंगर में पहनना शुभ माना जाता है। इस उंगली में तांबा धारण करने से सूर्य के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
– तांबे की अंगूठी जितनी वास्तु के अनुसार लाभदायक मानी गई है उतनी ही वो स्वास्थ्य और त्वचा के लिए भी लाभकारी है। नाखून और त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में तांबा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
– किसी व्यक्ति की पर यदि मंगल की क्रूर दशा हो तो उसके लिए तांबा एक लाभकारी धातु है इससे मंगल के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
– आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तनों का उपयोग हमारे इम्यून सिस्टम को ठीक करता है। इसी तरह तांबे की अंगूठी भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। – तांबे की अंगूठी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है। शरीर में आई सूजन को तांबे अंगूठी कम कर सकती है।
– तांबा लगातार त्वचा के संपर्क में बना रहता है जिसके कारण त्वचा में चमक आती है।
– तांबे की अंगूठी से समाज में प्रभाव बढ़ता है। तांबे और सूर्य का ज्योतिष अनुसार एक जोड़ बताया गया है जिसमें ज्योतिष मानते हैं कि इससे घर-परिवार में मान-सम्मान बढ़ता है।

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